लेखकों के लिए निर्देश
- प्रस्तावना
- आपका लेख मौलिक, अप्रकाशित एवं सरल संस्कृत भाषा में होना चाहिए ।
- ज्योतिष सम्बंधित मौलिक विषयों पर ही लेख स्वीकार किए जाएंगे ।
- लेख प्रारूप
- शीर्षक:- स्पष्ट, संक्षिप्त और विषयवस्तु को दर्शाने वाला होना चाहिए ।
- लेखक जानकारी:– सभी लेखकों के नाम, संबद्धता, और संपर्क जानकारी शामिल होनी चाहिए ।
- सारांश: 150-200 शब्दों का संक्षिप्त सारांश होना चाहिए ।
- पारिभाषिक शब्द: 4-6 महत्त्वपूर्ण शब्दों को चुनें जो आपके लेख को परिभाषित करें ।
- मूल पाठ: प्रस्तावना, सामग्री, विधियाँ, परिणाम, चर्चा, एवं निष्कर्ष स्पष्टतया विभाजित होने चाहिए ।
- संदर्भ: सभी संदर्भों को मानकीकृत शैली में सूचीबद्ध करें
- लेख प्रस्तुत करने की प्रक्रिया
अपने लेख को PDF एवं Word प्रारूप में profmmpathak@gmail.com पर भेजें ।
- स्वीकृति और समीक्षा प्रक्रिया
- प्रत्येक लेख को एक समीक्षा मण्डल द्वारा परखा जाएगा ।
- लेखकों को समीक्षकों की टिप्पणियों के आधार पर संशोधन करने करना आवश्यक होगा ।
- नैतिकता और अधिकार
- लेखकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके लेख में सभी नैतिक दिशानिर्देशों का पालन किया गया है ।
- यदि सह लेखक हों तो उनकी सहमति प्राप्त होनी चाहिए ।
- कॉपीराइट और प्लेज़रिज़्म के नियमों का पालन होना आवश्यक है ।
समीक्षकों के लिए निर्देश
- समीक्षा प्रक्रिया का उद्देश्य
- शोधपत्रिका में प्रकाशित होने वाले लेखों की गुणवत्ता और अखंडता सुनिश्चित करना ।
- समीक्षा मानदण्ड
- मौलिकता:- शोधलेख का विचार और निष्कर्ष मौलिक होने चाहिए।
- सटीकता:- शोधलेख में दिये गये तथ्यों की सटीकता होनी चाहिये ।
- स्पष्टता:- लेख का प्रवाह और भाषा स्पष्ट होनी चाहिए ।
- योगदान:- लेख का वैज्ञानिक या शैक्षणिक योगदान निर्दिष्ट होनी चाहिये ।
- समीक्षा के चरण
- प्रारंभिक मूल्यांकन:- लेख का संक्षिप्त आकलन करें कि क्या यह पत्रिका के दायरे में आता है ।
- गहन समीक्षा:- लेख के सभी पहलुओं की विस्तृत जांच करें ।
- टिप्पणियाँ और सुझाव:- लेखकों के लिए स्पष्ट और निर्माणात्मक फीडबैक दें ।
- सिफारिश: लेख को स्वीकार, अस्वीकार, या संशोधन के बाद पुनः प्रस्तुत करने की सिफारिश करें ।
- गोपनीयता और निष्पक्षता
- समीक्षा प्रक्रिया गोपनीय होनी चाहिए ।
- समीक्षा निष्पक्ष और पक्षपात रहित होनी चाहिए ।